Monday , June 3 2024
Breaking News

Monsoon: देरी से विदाई की इस साल हैट्रिक बनाएगा मानसून,छह-सात अक्टूबर से विदाई शुरू हो जाएगी

Monsoon will make a hat trick this year of late farewell: digi desk/BHN/नई दिल्ली/दक्षिण-पश्चिम मानसून इस साल देरी से विदाई की हैट्रिक बनाएगा यानी लगातार तीसरे साल वह विलंब से लौटेगा। छह-सात अक्टूबर से उसकी विदाई शुरू हो जाएगी। 2019 में मानसून की वापसी 28 सितंबर और 2020 में नौ अक्टूबर से शुरू हुई थी। इस साल मानसूनी बारिश दीर्घकालिक औसत का करीब 99 फीसद दर्ज की गई है। एक जुलाई से 30 सितंबर तक देशभर में सामान्य 880.6 मिलीमीटर बारिश के मुकाबले इस साल 874.6 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है। लेकिन इस सीजन में किसानों के लिए अहम मानसून की यात्रा बेहद असामान्य रही, हालांकि उसने बारिश का लक्ष्य करीब-करीब हासिल कर लिया। इस साल मानसून चरम स्थितियों का मौसम रहा, कहीं बेहद कम बारिश हुई तो कहीं बेहद ज्यादा, पारंपरिक रूप से वर्षा वाले इलाके सूखे हैं तो कम वर्षा वाले इलाकों में जमकर बारिश हुई।

सामान्य 880.6 मिलीमीटर के मुकाबले इस साल हुई 874.6 मिलीमीटर बारिश

जलवायु विशेषज्ञों का कहना है कि मानसूनी बारिश के दो प्रमुख महीनों जुलाई और अगस्त में कुल चार कम दबाव के क्षेत्र बने, जबकि सिर्फ सितंबर में कम दबाव के पांच क्षेत्र बने। सामान्य तौर पर कम बारिश वाले पश्चिमी मध्य प्रदेश, पूर्वी राजस्थान और महाराष्ट्र के मराठवाड़ा व विदर्भ इलाकों में अत्याधिक बारिश हुई, जबकि अधिक वर्षा वाले केरल, ओडिशा और पूर्वोत्तर क्षेत्रों में औसत बारिश भी नहीं हुई।

काउंसिल फार एनर्जी, एनवायरमेंट एंड वाटर (सीईईडब्ल्यू) का कहना है कि 75 फीसद से ज्यादा जिलों में चरम जलवायु गतिविधियां हुईं, जबकि 40 फीसद से अधिक ने जलवायु संबंधी बाधाओं का सामना किया, मसलन- ज्यादातर बाढ़ से प्रभावित होने वाले इलाकों के सूखे से प्रभावित होने वाले इलाकों के रूप में बदलाव या इसके ठीक विपरीत।

छह-सात अक्टूबर से होगी शुरू

मानसून मौसम के प्रमुख महीने अगस्त में इस साल 24 फीसद कम बारिश हुई और इसने सबसे खराब प्रदर्शन का रिकार्ड बनाया है। 1901 के बाद यह छठा और 2009 के बाद पहला सबसे सूखा अगस्त रहा। स्काईमेट वेदर के प्रेसीडेंट (मौसम विज्ञान एवं जलवायु परिवर्तन) जीपी शर्मा ने कहा, ‘आमतौर पर महीने के दौरान कम दबाव के चार क्षेत्र बनते हैं, लेकिन इस साल सिर्फ दो बने और वे भी कमजोर थे।

इसके अलावा प्रशांत महासागर क्षेत्र में तूफान की गतिविधियां भी कम थीं जिनके अवशेष सामान्य तौर पर बंगाल की खाड़ी में आ जाते हैं और ताकतवर हो जाते हैं।’ उन्होंने कहा कि सितंबर में मानसून ने चमत्कारिक रूप से वापसी की। अगस्त में पूर्ण विफलता के बाद सितंबर में पूर्ण वापसी को चमत्कार से कम नहीं कहा जा सकता। यह महीना मानसून को ‘सामान्य से कम’ से ‘सामान्य’ श्रेणी में लाने में सफल रहा।

About rishi pandit

Check Also

Arvind Kejriwal : ‘तानाशाही के खिलाफ आवाज उठाने की मिली सजा’…, केजरीवाल बोले- पता नहीं कब लौटूंगा

National arvind kejriwal reached rajghat wife and children also present will go to tihar jail …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *